Tuesday, 24 June 2014

मरने के बाद भी अरबों कमा रहा है यह शख्स

तकरीबन 450 करोड़ की सालाना कमाई , 65 करोड़ के गहने और 647 करोड़ का बैंक बैलेंस
जी हाँ ये कमाई किसी व्यापारी की ही है ,आपको जानकर हैरानी होगी कि ये आदमी आज से काफ़ी पहले ही मर चुका है और इसे मरे हुये कोई 1-2 साल नहीं बल्कि पूरे 96 साल हो चुके हैं | इस आदमी ने अपनी पूरी जिंदगी में लोगों को मुर्ख बनाकर रूपये कमाने की हर-संभव कोशिश की और हर कोशिश असफ़ल रही, लेकिन जो काम ये आदमी अपने जिंदा रहते नहीं कर पाया वो काम इसके जाने के बाद कुछ लोगों ने सिर्फ़ इसके नाम और इसकी कब्र से ही कर दिया । आज़ भी ये शख्स अपनी कब्र में बैठ कर रोता है और इस बात का अफ़सोस करता है कि इसके वक्त में ना तो कोई मीडिया थी, ना ही कोई टीवी चैनल था और ना ही कोई फ़िल्में बनती थीं |
मरने के बाद अरबपति बनने वाले इस अजीबो-गरीब शख्स का असली नाम है चाँद मोहम्मद , हांलाकि कुछ लोग इसे साई बाबा के नाम से भी जानते हैं; जी हाँ , वही शिरडी वाले साई बाबा , वही जिनकी एक फोटो पर फ़ेसबुक पर मिनटों में लाखों लाइक आ जाते हैं ,वही जिनके बारे में  आपको फ़िल्म , सीरियल या फ़िर न्यूज चैनल देखकर पता चला |
चाँद मोहम्मद उर्फ़ साई बाबा को देवता,महापुरूष , भगवान या और कुछ भी मानने वाले लोगों को आखिर इसके बारे में कैसे पता चला ?बहुत से साई को हज़ारों साल पहले का प्राचीन सँत मानते हैं , आधे से ज्यादा साई भक्तों को तो ये भी नहीं पता कि साई की मृत्यु हुए अभी पूरे 100 साल भी नहीं हुये हैं |तो फ़िर लोगों को इसके बारे में  कैसे पता चला ? इस सनके पीछे साई ट्रस्ट की जबरदस्त मार्केटिंग है , साई  के नाम को लोगों में बैठाने कि लिये पहले तो इन्होनें साई की फ़िल्में बनवाईं और फ़िर साई को पूरी तरह लोगों के दिमाग में उतारने के लिये साई के सीरियल बनवाये गये ।
साई के सीरियल का सीधा असर आप साई की मज़ार की कमाई में देख सकते हैं , 2004 में साई बाबा के सीरियल से पहले इसकी कमाई मात्र 30 करोड़ सालाना थी , वहीं सीरियल के प्रसारण के बाद 2010 में कमाई बढकर 300 करोड़ सालानाहो गई और अब तो न्यूज चैनलों और कुछ फ़िल्मी सितारों के सहयोग के बाद ये कमाई 500 करोड़ के पास पहुँच गयी है
दरअसल साई का नाम बेचने वाले व्यापारियों ने हिन्दूओं में बड़ी आसानी से लग जाने वाले सेक्यूलरिज्म नामक रोग की पह्चान कर ली है ,हिंदू-मुस्लिम एकता के नाम पर  ये लोग हिन्दूओं के नरम और उदारवादी स्वभाव को  भुनाने में लगे हैं |
आज हर दो कदम पर नये-नये ढोंगी और पाखंडी बाबा बने बैठे हैं , ये रोज़ अपने अनुयायियों के लिये नये-नये नियम बनाते हैं , कोई शिवलिंग की पूजा करने और घर में रखने से मना करता है तो कोई लाल किताब और लोकेट से सबके दुख दूर  करने का दावा करता है । इन सबका एकमात्र कारण हिन्दू धर्म का अति-उदारवादी होना है । ये पाखंडी ऐसे-ऐसे उपाय बताते हैं जिनका दूर-दूर तक हिन्दू धर्म और देवी-देवताओं से कोई लेना-देना नहीं है । लाख समझाने के बाद भी लोग निर्मल बाबा जैसे पाखंडियों के चक्कर में पड़ते हैं , आज़ भी निर्मल बाबा के ज्यादातर समागमों की बुकिंग तकरीबन एक महीना पहले ही बन्द हो जाती है ।
 दरअसल इस देश की आबादी और इस आबादी की समस्याएँ दोनों ही इतनी ज्यादा हैं कि चाहे किसी भी धर्म का कोई भी बाबा कैसे भी नुस्खों के साथ अपना व्यापार खोल ले कुछ न कुछ अन्धभक्त अनुयायी तो उसे मिल ही जायेंगे और अगर मार्केटिंग अच्छे से की जाए तो ये कारोबार कुछ ही सालों में करोड़ों और फ़िर अरबों रुपयों का हो जाता है ।
कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर आज से 30-40 साल बाद निर्मल बाबा  साई बाबा से भी बड़ा भगवान बन जाये
अन्त में एक और मज़ेदार बात ->  आप भी भी 10 लोगों का ट्रस्ट बना कर कहीं पत्थर की मूर्ति रखकर कोई मन्दिर बना दीजिये और उसके बाद जो भी चढावा आयेगा वो सब आपका होगा |
(कमाई के आँकड़े आप google पर भी चेक कर सकते हैं)

 साई के भक्तों को मेरी खुली चुनौती
shirdisaiexpose.wordpress.com 

An Open Challenge To All Sai Baba Devotees


Reality of  Shirdi Sai Baba
Shirdi Sai Exposed
क्या साई बाबा का कोई भक्त मेरे इन सवालों का जवाब दे सकता है
साई के भक्तों को मेरा खुला चैंलेज है , अगर कोई भी साई भक्त मेरे इन सवालों का जवाब दे तो मैं भी साई बाबा को भगवान मानने लग जाऊँगा
1) पूरी जिन्दगी एक मस्जिद में रहने वाला और हर बात में 'अल्लाह मालिक' दोहराने वाला एक जिहादी मुस्लिम आखिर हिन्दूओं का भगवान कैसे हो गया ?
2) आखिर वो कौन सा काम है जो राम ,कृष्ण ,शिवजी  और  हनुमान पुरा नहीं कर सकते लेकिन एक अनपढ मुस्लिम भिखारी कर सकता है ?
3) साई सत्चरित्र अध्याय 4,7,11,14,28 और 38 पर साफ़-साफ़ लिखा है कि साई एक मांसाहारी व्यक्ति था , आखिर हिन्दू  धर्म में आज तक ऐसा कौन सा भगवान है जो निर्दोष जानवरों का माँस खाता था ?
4) किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होने पर तो हिन्दू घर आते ही नहाते हैं  तो इस साई की कब्र और मज़ारों की पूजा क्युँ ?
5) साई के समय में शिरडी के आस-पास के जिलों में भयंकर  अकाल पड़ा , अगर साई भगवान था तो उसने अकाल दूर क्यों नहीं किया और ना ही अकाल पीड़ितों की कोई मदद की ?
6) अगर साई भगवान था तो उसने निर्दोष भारतीयों का खुन चूस रहे अंग्रेजों के खिलाफ़ आजादी की लड़ाई में कोई मदद क्यों नहीं की ? ( साई का जन्म 1834 और मृत्यु 1918 में हुई )
7) हिन्दू धर्म के सभी भगवान और उनके अवतारों का हमारे वेदों और ग्रन्थों में वर्णन है , अगर ये भगवान है तो इसका जिक्र कौन से वेद - पुराण में है
8) जो आदमी कभी भगवान राम की शिक्षाओं पर नहीं चला ,जो लोगों को हमेंशा कुरान का ज्ञान देता था , जिसे मरने के बाद भी मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार दफ़नाया गया  उस आदमी के नाम के साथ राम कैसे जोड़ दिया गया ?
9) कहीं ये राम के नाम पर एकजुट हो रहे हिन्दुओं को सेक्युलरिस्म के दलदल में धकेलने की  राजनीतिक साजिश तो नहीं ?
10) साई में बारे में लोगों को पता कब चला ? अधिकतर लोगों को तो ये भी नहीं पता कि साई की मृत्यु हुए अभी 100 साल भी नहीं हुए हैं, साई के भक्त एक-दम से बढ गये जब साई के नाम पर व्यापार करने वालों ने साई की फ़िल्म और सीरियल बनाकर लोगों का ब्रेन-वाश करना चालु किया , क्या इससे साबित नहीं होता कि रुपये ऐंठने के लिये साई को बढावा दिया गया ?
मरने के बाद भी अरबों कमा रहा है यह शख्स
shirdisaiexpose.wordpress.com
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